हरदोई। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में शुक्रवार से सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान शुरू हुआ जो 30 सितंबर तक चलेगा। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान करेंगे। इस संबंध में जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोगियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें उपचार मुहैया कराना है, जिससे कुष्ठ रोग से होने वाली विकलांगता को रोका जा सके। इसके साथ ही कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता पैदा करना एवं इससे जुड़ी हुई भ्रांतियों को समाप्त करने का प्रयास करना है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत दो साल से ऊपर की आयु के सभी व्यक्तियों में कुष्ठ रोग के संभावित लक्षणों की जांच की जाएगी। 


उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाए तो इसका उपचार मल्टी ड्रग थेरेपी (एम.डी.टी.) से संभव है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है। कुष्ठ रोग के लक्षण नजर आने पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से संपर्क करें या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर परामर्श लें । सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी का प्रावधान है। कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्ति को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि उनका पूर्ण इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि समाज में कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कुष्ठ रोग से प्रभावित था और उसका इलाज मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) के माध्यम से हो चुका है तो उनके साथ घूमने, बैठने, खाने इत्यादि पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। क्या है कुष्ठ रोग कुष्ठ एक संक्रमण रोग है। यह ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो एक एसिड-फास्ट रॉड के आकार का बेसिलस है। यह त्वचा की, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों को कमजोर करता है। कुष्ठ रोग  में त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।  धब्बे संवेदना रहित होते हैं और रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति से होती है। यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है।

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