कछौना\हरदोई। एक तरफ सरकार खुशाल परिवार दिवस आयोजित कर संस्थागत प्रसव पर जोर देती है। गर्भवती महिला जच्चा बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं संचालित हैं। परंतु शासन की योजनाओं की जमीनी स्तर पर सही ढंग से क्रियान्वयन न होने के कारण व समुचित इलाज के अभाव में रविवार की रात जच्चा बच्चा की मृत्यु हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना के अंतर्गत ग्राम सभा महरी के ग्राम मढ़िया निवासी सानू की पत्नी लक्ष्मी उम्र 21 वर्ष का प्रस्ताव हेतु दर्द हुआ, परिजन इमरजेंसी वहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से बच्चा उल्टा होने के कारण मृत अवस्था में पैदा हुआ, समुचित इलाज के अभाव में काफी ब्लीडिंग होने के कारण महिला की मृत्यु हो गई। परिजन मृत महिला व नवजात शिशु को घर ले आए, इस घटना से परिजनों के ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। बिना कोई शिकायत पत्र के मृत जच्चा बच्चा को अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृत महिला का पहला बच्चा था, दोनों सहकारी सिस्टम की भेंट जच्चा बच्चा चढ़ गए।
बताते चले कछौना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीएसआर फाउंडेशन की तरफ से सीएसआर फंड से अल्ट्रासाउंड मशीन दी गई, परंतु रेडियोलॉजिस्ट के कारण लाखों रुपए की मशीन धूल फांक रही है। वहीं तीन माह पूर्व महिला डॉक्टर पूनम गुप्ता का गैर जनपद स्थानांतरण हो गया था। तीन माह से कोई महिला डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई। इसलिए स्टाफ नर्सों के सहारे प्रसव किया जाता है। एक तरफ सरकार गांव-गांव हेल्थ वेल्थ सेंटर खोलकर गांव पर प्रसव कराने की बात कह रही है। परंतु स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी व सुविधाओं के अभाव के चलते आए दिन गर्भवती महिलाओं के साथ अनहोनी घटना घटती रहती है। प्रभारी अधीक्षक डॉ० विनीत तिवारी ने बताया गर्भवती महिला काफी कमजोर थी, बच्चा उल्टा था, मृत अवस्था में बच्चा पैदा हुआ, महिला की काफी ब्लीडिंग होने के कारण हृदय गति से मृत्यु हो गई। सरकारी सिस्टम के चलते गरीब दंपति से जच्चा-बच्चा की असमय मृत्यु हो गई। इस घटना से परिजन काफी दुखी हैं।
Post a Comment