विजयलक्ष्मी सिंह  (एडिटर-इन-चीफ)

हरदोई। विकास खंड अहिरोरी के अन्तर्गत ग्राम पंचायत गोंडाराव में बनी "अपनी वाटिका "जिम्मेदारों के भ्रष्टाचार,लापरवाही व अनदेखी के कारण बदहाली का दंश झेल रही है।अपनी वाटिका के निर्माण के दौरान घटिया निर्माण सामग्री तथा कमीशनखोरी के चक्कर में निर्माण की औपचारिकता पूरी कर दी गई थी।उसके बाद से ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी आदि जिम्मेदारों ने इसकी देखरेख,मरम्मत आदि की कोई सुध नहीं ली।जिसका परिणाम है कि आज अपनी वाटिका बदहाली की स्थिति में है।यहां पर हर साल वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन एक भी पेड मौजूद नहीं है, कुर्सियां टूट गई हैं, ईंट उखड़ गये हैं , काफी गन्दगी है। सरकारी धन भी खर्च हो गया और सरकार का उद्देश्य भी पूरा नहीं हुआ, ये जांच का विषय है।सुखदेव प्रसाद पुत्र पुत्तन लाल ने बताया कि उसने इसकी शिकायत की थी लेकिन कोई जांच/कार्यवाही नहीं की गई।सुखदेव ने मामले की जांच कराने की मांग की।

अपनी वाटिका गोडाराव की ये दुर्दशा

तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने नई पहल करते हुए जिले की 142 ग्राम पंचायतों में शहरों के पार्कों की तरह वाटिका बनवाई थी । मनरेगा व ग्राम पंचायत को मिलने वाले राज्य वित्त बजट से इन्हें विकसित किया गया था। वाटिका में औषधीय, शोभादार और फलदार पौधें रोपे गए थे। साथ चारों तरफ सुरक्षा खाई तथा तार से फेसिंग कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा वाटिका के अंदर इंटरलॉकिंग, गेट बनवाने, बेंच और प्रकाश की व्यवस्था के साथ ही पानी की भी व्यवस्था की गई थी। 

तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने इस प्रोजेक्ट को करने में मुख्य भूमिका निभाई थी। और वाटिका का उद्देश्य ही गांव के लोगों को एक सुखद और स्वच्छ वातावरण देना था । जिम्मेदारों की अनदेखी  ने इस बेहतरीन प्रोजेक्ट को भृष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ा दिया। इस तरह की योजना सिर्फ फ़ोटो खिंचवाने के लिए नही, धरातल पर जिम्मेदारों को उसकी पूरी जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है।

मुख्य विकास अधिकारी सौम्या गुरुरानी संज्ञान लेकर कड़ी कार्यवाही के साथ इसकी तरह बनी सभी वाटिकाओं का एक बार निरीक्षण करें। जिससे स्थति के बारे में जानकारी हो सके। नए पौधे लगाने से पहले जो लगे हुए है। उनको देखने की आवश्यकता है।

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