हरदोई। गरीबी का जीवन, आंखों से अंधापन और असमय पत्नी का इस दुनिया से चले जाना ऐसे में एक बेटी को पाल पोस कर बड़ा करना नेत्रहीन राम शंकर का जीवन कितनी पीड़ा से भरा है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अपनी बीस साल की सुपुत्री पारुल की शादी के लिए दर बदर भटक रहे आंख से अंधे राम शंकर को जैसे तैसे एक परिवार तो मिल गया लेकिन शादी का खर्च उठाने वाला कोई नहीं। ऐसे में कन्या दान योजना समिति परिवार के जुझारू नेक दिल सदस्य राजेश बाजपेई को जैसे ही जानकारी हुई उन्होंने राम शंकर को आश्वासन दिया और समिति परिवार में पारुल बिटिया की शादी का प्रस्ताव रखा तो समिती सदस्यों द्वारा सर्वे कराया। जिसमे बिन मां की बच्ची और पिता की दयनीय स्थिति देखकर पारुल बिटिया का कन्या दान करने का फैसला लिया गया। 28 जून को पारुल बिटिया का विवाह संस्थापक गोपेश दीक्षित,भरत पांडे, उमेश मिश्र, सचिन मिश्र,दीपक तिवारी , विवेक शुक्ला ,रामविलाश , शिवम बाजपेई ग्लेस एंटोनी, निहारिका सिंह, नेहा गुप्ता , दीक्षा, मायरा आदि ने रीति रिवाजों सहित संपन्न कराया।
सभी सदस्यों के सहयोग से पारुल बिटिया को बेड ,गद्दा, तकिया, चादर ,श्रंगार दान , अलमीरा,बक्सा,कपड़े, बर्तन, कूकर, डिनर सेट,आदि घरेलू, उपयोग की सामग्री तथा नगद सहयोग के साथ सम्मान पूर्वक विदा किया। समय कम था और लक्ष्य बड़ा। फिर भी कन्यादान परिवार की एकता ने २६वा विवाह सफलता पूर्वक सम्पन्न कराकर नई मिशाल कायम की। इस मौकै पर के के भाई , जगतार सिहं, मुरारी पाठक , मोहित श्रीवास्तव,हरिप्रताप, गौरव, गीता सिंह,अरविंद,अनीश ,रूचि गोयल,नितिन मिश्रा ,लखनऊ से सुनीता,फतेहपुर से सोना, नागराज, गाजियाबाद से गरिमा, असम से जमुना गुरंग मध्य प्रदेश से राज कौर आदि ने ऑनलाइन आर्थिक सहयोग किया!
Post a Comment