हरदोई। आवास योजना के पात्रों के चयन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। मुख्यमंत्री आवास योजना में कुष्ठ पीड़ितों के साथ ही नट और आवासहीन पात्रता की श्रेणी में आने वाले दिव्यांगजन को आवास दिए जाने की व्यवस्था दी गई है। जांच में अपात्र को लाभान्वित कराने की पुष्टि पर जिलाधिकारी एमपी सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए खंड विकास अधिकारी से जवाब तलब किया । 

आपको बताते चलें कि अपात्र श्रेणी में होने के बाद भी दिव्यांग को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने पर बिलग्राम के खंड विकास अधिकारी से जवाब तलब किया गया है। जिलाधिकारी में जांच में अपात्र श्रेणी की पुष्टि पर पंचायत सचिव डीएम ने पंचायत को निलंबित किए जाने के आदेश दिए हैं। सचिव के निलंबन मुख्य विकास अधिकारी ने बीडीओ को के दिए आदेश कारण बताओ नोटिस दिया है।

मुख्यमंत्री आवास योजना में कुष्ठ पीड़ितों के साथ ही नट और आवासहीन पात्रता की श्रेणी में आने वाले दिव्यांगजन को भी आवास दिए जाने की व्यवस्था दी गई है। विकास खंड बिलग्राम की ग्राम पंचायत पसनेर में बीडीओ और पंचायत सचिव ने अपात्र श्रेणी में आने के बाद भी दिव्यांग रामू पुत्र जानकी को योजना में आवास की स्वीकृति दिलाई गई। जांच में अपात्र को लाभान्वित कराने की पुष्टि पर जिलाधिकारी एमपी सिंह ने नाराजगी जाहिर की और पंचायत सचिव को निलंबित किए जाने के आदेश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या गुरूरानी ने अपात्र को आवास दिए जाने के मामले में बिलग्राम के खंड विकास अधिकारी मोहम्मद अल काजमी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पंचायत सचिव प्रवीण कुमार के निलंबन के आदेश जिला पंचायत राज अधिकारी को दिए गए हैं। बताया कि बीडीओ का जवाब आने पर परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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