विशेष संवाददाता - नवनीत कुमार 'राम जी'
पिहानी\हरदोई। आजकल फलों के राजा आम का स्वाद हर आम-ओ-खास को लुभा रहा है। लेकिन लालच के चलते कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लोग फलों के राजा को जल्दी पकाने के लिए कार्बोहाइड्रेट व मिथेन गैस का प्रयोग कर रहे हैं। जिसका लगातार सेवन करने से लोगों की लीवर, किड़नी जैसे अंगों को नुकसान पहुंच रहा है। जनपद में कई टन आम की बिक्री कर हजारों लोगों के बीच यह प्रतिदिन धीमा जहर पहुंच रहा है।
जुबां पर आम का नाम आते ही बच्चे, बूढ़ों सभी के मुंह में पानी आ जाता है। यही आम धीमा जहर आपको न सिर्फ बीमार कर सकता है बल्कि जारा सी कोताही बरती तो बीमार होने में देर नहीं लगती। मगर वास्तव में सच तो सही है जिस आम का सेवन आप कर रहे है, वह कार्बेट या मिथेन गैस से पकाया गया हो सकता है। कसबे में 500 से 800 कुंटल के बीच प्रतिदिन आम की बिक्री होती है। क्योंकि कुछ लोग कम लागत अधिक मुनाफा की चाहत में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं।
- मिथेन से एक दिन में पकता आम
एक व्यापारी ने बताया कि कार्बेट से आम दो से तीन दिन में पकता है। वहीं मिथेन गैस से आम पकने में एक दिन लगता है। चूंकि कच्चा आम बाजार में काफी सस्ती दर पर आसानी से उपलब्ध है। फिलहाल के दिनों में आम की खपत अधिक रहती है। इतना पककर तैयार नहीं हो पता। इस लिए व्यापारी आम को पकाने में मिथेन गैस का प्रयोग करने लगे हैं। ऐसे में अधिकतर व्यापारी पैसों की चाह में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
- लीवर और गुर्दे के लिए खतरनाक है मिथेन से पका आम - डॉ जितेंद्र श्रीवास्तव
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिहानी के अधीक्षक डॉ जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मिथेन और कार्बेट से पकने वाले आम का लगातार सेवन करने से मानव के लीवर, व गुर्दे को प्रभावित कर सकता है। इसके लगातार सेवन से पेट संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे जीमिचलाना, भूख कम लगती है। बावजूद इसके ऐसे आमों को पहचानना मुश्किल है। लेकिन पेट संबधित उक्त समस्याएं होने पर चिकित्सक की राय अवश्य लें।
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