हरदोई। आजाद नगर के कृष्ण शिव मंदिर प्रांगण में कथा व्यास अविचल पांडेय जी महाराज द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा अमृत वर्षण का भव्य शुभारंभ शाम 05:00 बजे शुरू हुआ। आयोजन करता दुर्गेश मिश्र द्वारा बताया गया कि कथा का वाचन देर रात तक चलता रहा। उपस्थित महिला एवं पुरुष श्रद्धालु देर रात तक कथा में जमे रहे।

कथा के प्रथम दिन कलश यात्रा का शुभारंभ नुमाइश चौराहा मंदिर से शिव मंदिर आजाद नगर तक निकली गई। व्यास जी द्वारा अपने उद्बोधन में श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता ।

श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं, मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है ,लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है। अविचल जी द्वारा जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है।

उसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है, मनुष्य को भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। स्वामी जी द्वारा कथा वाचन के दौरान कहा गया कि इस कलयुग में केवल भोलेनाथ ही शीघ्र भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। केवल 3 महीने भोलेनाथ की भक्ति करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं। प्रथम दिन की कथा के समापन से पूर्व आरती की गई ,आरती करने के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।

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