हरदोई। पिहानी ब्लॉक के ग्राम पंचायत बिजगवां में अधिकारी उगाही में जुटे है। 2016 से 21 के दौरान हुए भ्रष्टाचार में अधिकारी अपनी पौ बारह में लगे है। जिला उद्यान अधिकारी, जिला विकास अधिकारी और जिला दिव्यांगजन अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप है। नाम न छापने की शर्त पर सचिवों ने बताया डीडीओ ने उनको बचाने के लिए 20-20 हजार रूपये लिए है। जबकि जिला दिव्यांगजन अधिकारी पर आख्या ना देने का आरोप है। 

बताया गया कि पिहानी के बिजगवां में 2016 से 21 के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया गया। शिकायतकर्ता कौशल कुमार सिंह ने डीएम से शिकायत करते हुए करोड़ों के गोलमाल के जांच की मांग की। जिला उद्यान अधिकारी को जांच सौंपी गई पहले तो उन्होंने किसी भी कार्य के साक्ष्य न उपलब्ध कराने के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने रिश्वत लेकर सभी को क्लीन चिट दिखाने का काम किया और जांच को लटकाए रखा। जिसके बाद फिर जांच के लिए शिकायतकर्ता ने शिकायत की और आख्या मांगी। इस पर जिला विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई जिनकी शासन स्तर से भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। कई बार विधायक पत्र लिखकर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके है और हटाने तक की मांग की है। वाबजूद इसके ऐसे अधिकारी को जांच सौंपी गई जिसने सचिव मेवाराम पर कुछ रिकवरी तो निकाली लेकिन अभी जमा नहीं हुई है। जिसमें आरोप है कि डीडीओ ने 6 सचिवों से 20-20 हजार रिश्वत लेकर उनको बचाने का जिम्मा ले लिया। डीडीओ ने आख्या भी उपलब्ध नहीं कराई और प्रधान से रिश्वत लेकर उसे बचाने का काम किया। इस पर शिकायतकर्ता ने फिर जानकारी लेना चाही तो जांच जिला दिव्यांगजन अधिकारी को सौंपी गई। जिन्होंने जांच तो की लेकिन अभी तक शिकायतकर्ता को कोई आख्या उपलब्ध नहीं कराई है और जांच लंबित किए है। शिकायतकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता/पूर्व प्रधान जांच कराने के लिए दर -दर भटक रहा है। लेकिन मामले में अधिकारी अपनी मर्जी थोपने का काम कर रहे है। बिजगवां प्रधान माया सिंह को बचाने के लिए अधिकारी और सफेदपोश एकराय हो गए है। शिकायतकर्ता कौशल कुमार सिंह का कहना है कि जांच के लिए वह मुख्यमंत्री के दरबार में जाएंगे और वहां से भ्रष्टाचारियों को दंडित कराने का कार्य करेंगे। फिलहाल भ्रष्टाचार में लिप्त डीडीओ की कार्यशैली पर इन सब आरोपों के बाद सवाल जरूर उठ रहे हैं।

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