• 23 फरवरी की रात में सोते हुए बुज़ुर्ग के सिर में मारी थी गोली
  • पुलिस के साथ जुटी रही एसओजी,सर्विलांस और स्वाट टीम

हरदोई। पोती के तिलक से ठीक एक दिन पहले ही उसके बाबा की उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी गई थी, जब रात को वह घर के बाहर छप्पर के नीचे सो रहा था। 23 फरवरी को हुई हत्या में प्रधान पति और उसके बेटों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। एसपी राजेश द्विवेदी के सख्त निर्देशों के चलते इलाकाई पुलिस के साथ-साथ एसओजी,सर्विलांस और स्वाट टीम वारदात के खुलासे के लिए जुटी रही और उसने मंगलवार को 26 वें दिन खुलासा करते हुए उस सिर-फिरे आशिक को गिरफ्तार किया है, जिसने पोती की दीवानगी में उसके बाबा को मौत के घाट उतारा।

बताते चलें कि लोनार थाने के सकरौली निवासी बुज़ुर्ग मोतीलाल मिश्रा पुत्र श्यामलाल की 23 फरवरी की रात उस वक्त तमंचे से सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी,जब वह अपने घर के बाहर छप्पर के नीचे गहरी नींद में सो रहा था। एसपी राजेश द्विवेदी ने मंगलवार को खुलासा करते हुए बताया कि मोतीलाल के पुत्र ऋषिकांत ने अपने पिता की हत्या में प्रधान पति व पूर्व प्रधान विश्वनाथ पाठक, उनके बेटे अनुपम, अभिषेक व अनुराग के खिलाफ ज़मीनी रंजिश के चलते धारा 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसपी ने बताया कि उन्होंने लोनार पुलिस के साथ एसओजी, सर्विलांस व स्वाट टीम को लगाया था। उसके बाद से ही वारदात के खुलासे के लिए कोशिश की जा रहीं थीं। मंगलवार को मुखबिर से पता चला कि इसी थाने के बकौरा निवासी अतुल सिंह चौहान पुत्र जगदीश सिंह ऐजा तिराहे पर खड़ा हुआ है। दरअसल मोतीलाल की हत्या में अतुल सिंह चौहान के शामिल होने के अहम सुराग पुलिस के हाथ लग चुके थे,इसी वजह से उसकी तलाश की जा रही थी। लोनार पुलिस ने एसओजी, सर्विलांस और स्वाट टीम ने उसे दबोच लिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद अतुल ने कुबूल किया कि मोतीलाल के छोटे बेटे ऋषिकांत से उसकी सालों पुरानी दोस्ती थी,इस वजह से घर में आना-जाना रहता था। उसी दरम्यान उसकी भतीजी से दोस्ती हो गई,धीरे-धीरे वही दोस्ती प्यार में बदल गई। इसका पता जब मोतीलाल को लगा तो उसने पोती की शादी करने की ठान ली। जबकि अतुल ने सोंचा कि मोतीलाल उसके प्यार के बीच रुकावट खड़ी कर रहा है, उसने उस रुकावट को वहीं पर रोकने के लिए उसने वारदात को अंजाम देने का ताना-बाना बुन लिया। 23 फरवरी मोतीलाल के यहां चल रही कथा का समापन हुआ और अगले दिन उसको पोती का तिलक ले जाना था, लेकिन उससे एक ही दिन पहले ही अतुल ने मोतीलाल की गोली मार कर हत्या कर दी। जांच कर रही पुलिस को पता चला कि वारदात वाली रात को कुछ लोगों ने अतुल सिंह चौहान को गांव के गलियारे से जाते हुए देखा था। तभी से पुलिस का शक अतुल के ही इर्द-गिर्द घूमने लगा। एसपी द्विवेदी ने बताया है कि अतुल की निशानदेही पर उसी के घर के कमरें में दीवार में दबा कर रखा गया तमंचा,एक खोखा व एक कारतूस के अलावा मोबाइल भी बरामद किया गया है।

  • एसपी ने पुलिस टीम को दिया 10 हज़ार का ईनाम

एसपी राजेश द्विवेदी ने लोनार थाने के सकरौली निवासी बुज़ुर्ग मोतीलाल की गोली मार कर की गई हत्या का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10 हज़ार रुपये का ईनाम देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अच्छा काम करने वालों का हमेशा हौसला बढ़ाया,साथ-साथ हर एक को अच्छा काम करते रहने के टिप्स भी दिए। लॉ एंड आर्डर को और बेहतर बनाया जाए,इसके लिए हर एक को ध्यान देना चाहिए।

  • आम लोगों की तरह गांव में बाइक पर घूमें सीओ

सकरौली गांव के मोतीलाल की हत्या के खुलासे के लिए सीओ हरपालपुर सत्येन्द्र कुमार सिंह ने रात-दिन मेहनत की,इतना ही नहीं उन्होंने आम लोगों की तरह गांव के गलियारों में बाइक दौड़ाई, वहां के एक-एक लोगों से जो क्लू तलाश किए,वही क्लू पुलिस को वारदात को खुलासे तक ले गए।

  • जांबाज़ पुलिस जवानों की टीम

लोनार पुलिस-एसएचओ विनोद कुमार यादव,एसआई सैय्यद नसीरुद्दीन, कांस्टेबिल तेजवीर, मुलायम यादव,बंटी और महिला कांस्टेबिल यास्मीन, एसओजी टीम- प्रभारी ब्रजेश कुमार मिश्रा,हेड कांस्टेबिल रामकृष्ण द्विवेदी, कांस्टेबिल मोहम्मद कलीम,त्रिवेश कुमार, ब्रजनंदन, आदित्य प्रताप सिंह, मंजेश कुमार सर्विलांस टीम-प्रभारी प्रेमसागर सिंह,हेड कांस्टेबिल इरफान, सुभाष मौर्या, कांस्टेबिल ओमवीर सिंह व प्रदीप कुमार

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