• सीओ कुंडा के नेतृत्व में युवको को ढूंढने में सारे दिन जुटे रहे गोताखोर

हरदोई। प्रतापगढ़ के हथिगवां में खानकाह दरगाह के उर्स में शामिल होने गए बंदरहिया मजरा आशा के चार युवक वहीं गंगा नदी में नहाते हुए डूब गए थे। जिनमें से दो को किसी तरह बचा लिया गया था, लेकिन दो युवकों का अभी भी कोई सुराग नहीं लग सका है। सीओ कुंडा के नेतृत्व में सारे दिन उनकी तलाश की जाती रही। वहीं इधर उन दोनों युवकों के घर ही नहीं बल्कि पूरे गांव में कहीं भी चूल्हा नहीं जला। हर कोई वहां की दिल दहला देने वाली तस्वीर को ध्यान कर सहम गया। गंगा नदी में डूबने वाले दोनों युवकों के घर में कोहराम मचा हुआ है।

बताते चलें कि कोतवाली देहात के बंदरहिया मजरा आशा निवासी 17 वर्षीय अकील पुत्र बादशाह,15 वर्षीय तौफीक पुत्र बाबू,21 वर्षीय रफीक पुत्र रईस और 16 वर्षीय तस्लीम पुत्र नवाब गुरूवार को प्रतापगढ़ के हथिगवां में होने वाले खानकाह दरगाह के उर्स में शामिल होने के लिए गए हुए थे। शुक्रवार को चारों वहीं पास से निकली गंगा नदी में नहाने पहुंचें। जहां चारों पानी के तेज़ बहाव के साथ बह गए। इस बीच वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह रफीक और तस्लीम को तो बचा लिया,लेकिन अकील और तौफीक को नहीं बचा सके। इसका पता होते ही सीओ कुंडा अजीत सिंह और एसएचओ हथिगवां सन्तोष सिंह अपनी टीम के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने गोताखोरों की मदद से गंगा में डूबे युवकों की तलाश शुरू की। शनिवार को एसडीआरएफ की टीम लगाई गई। फिलहाल देर शाम तक अकील व तौफीक का कुछ पता नहीं चल सका था। इधर इन दोनों युवकों के घर वालों में कोहराम मचा हुआ है। पता चला है कि हादसे का पता होते ही उन दोनों के घर प्रतापगढ़ रवाना हो गए हैं।

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