- आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के चलते जिला अधिकारी सहित यूपी सरकार से आर्थिक सहायता की लगाई गुहार।
कोथावां/हरदोई। विकासखंड कोथावां ग्राम सांता आंट-सांट निवासी मशहूर पर्वतारोही अभिनीत कुमार मौर्या ने जल्द में जिलाधिकारी से मुलाकात कर आर्थिक सहायता की बात कही थी। हालांकि जिलाधिकारी ने अभिनीत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए मेडल पहनाकर सम्मानित किया था। जिला क्रीड़ा अधिकारी को सहायता के लिए पत्र भी लिखा। अभिनीत मौर्य बताते हैं मेरे पिता चंद्रपाल मौर्या कृषक हैं। बचपन से ही कुछ अलग करने के लिए सोचा था इसके लिए मैंने कई किताबें पढ़ी। जिसमें लोगों ने एवरेस्ट फतह कर उपलब्धियां हासिल की है। उन लोगों की तरह में भी समाज में कुछ अलग कर सकूं। ताकि देश, प्रदेश जिले का नाम विश्व स्तर पर रोशन हो। अभिनीत अभी तक जम्मू-कश्मीर की टेबलटॉप चोटी जम्मू-कश्मीर के द्रास स्थित माउन्ट मचोई तथा उत्तराखंड की केदार कंठा चोटी पर चढ़ाई कर चुके हैं।
केदार कंठा चोटी की चढ़ाई उन्होंने मात्र 3 घंटे में पूरी की जो कि एक रिकॉर्ड है। मौर्य का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज हो चुका है। अभिनीत विश्व की सबसे ऊँची माउंट एवरेस्ट चोटी फतह करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका चयन एशियन ट्रैकिंग एजेंसी नेपाल में हो चुका है। उन्होंने माउंटेन ट्रैकिंग का प्रशिक्षण जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग पहलगाम से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्राइमरी की पढ़ाई अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय से की। अभिनीत की हाईस्कूल की शिक्षा गाँधी इण्टर कॉलेज बेनीगंज से तथा इंटरमीडिएट की शिक्षा राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय कछौना से हुई। उन्होंने माधुरी देवी पटेल महाविद्यालय कछौना पतसेनी से स्नातक किया है। अभिनीत वर्तमान में डॉ.भीमराव अम्बेडकर आईटीआई इंस्टीट्यूट लखनऊ से आईटीआई के छात्र हैं।
वे अपनी उपलब्धियों के लिए अपने परिवार माता-पिता गुरुजनों व दोस्तों को श्रेय देते हैं। अभिनीत मौर्य विश्व की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट चोटी फतेह करना चाहते हैं मगर पारिवारिक आर्थिक स्थिति मजबूत ना होने के चलते उन्होंने जिला स्तर से लेकर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक,सांसद अन्य मंत्रियों को कई पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की मांग की है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। मीडिया से मुखातिब होते हुए यूपी सरकार से एक बार फिर से आर्थिक सहायता की मांग की है। अब देखना दिलचस्प होगा अभिनीत मौर्य का सपना साकार होगा या फिर इसी तरीके से जिम्मेदारों तक आवाज पहुंचाते रहेंगे।
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