• लापरवाही के चलते ही तालाबो, जलधाराओं का पानी हो रहा है प्रदूषित

हरदोई। जल जीवन है, और यह सीमित है। फिलहाल आसानी से उपलब्ध होने के चलते इसको जम कर बर्बाद किया जा रहा है। लोग बेखबर है, इसी रफ्तार से भूगर्भ जल की बर्बादी होती रही तो दिनों दिन कम हो रहा यह भूगर्भ जल एक दिन समाप्त भी हो जाएगा। घरेलू उपयोग हो या व्यवसायिक, भूगर्भ जल का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। जनजागरुकता की कमी और सिस्टम की खामियां बर्बाद होते भूगर्भ जल को बचाने में नाकाफी है।

जनपद की 40 लाख से अधिक आबादी का प्रतिदिन 32 करोड़ लीटर से अधिक जल की आवश्यकता होती है। यह जलापूर्ति भूगर्भ जल के भरोसे है, इसके अलावा व्यवसायिक व कृषि कार्यों में भी भूगर्भ जल का उपयोग किया जाता है। इतनी बड़ी मात्रा में भूगर्भ जल का उपयोग तो होता है, पर जब बात भूगर्भ जल रिचार्ज की आती है तो खपत के मुकाबले रिचार्ज नाम मात्र का ही हो पाता है।

बात इतनी ही नहीं है, सदुपयोग के मुकाबल बढी मात्रा में भूगर्भ जल का दुरुपयोग भी होता है। जनपद में 50 से अधिक का अवैध आरओ प्लांट प्रतिदिन 20 हजार लीटर भूगर्भ जल नालियों में बहा कर बर्बाद कर रहे हैं। रिवर्स आस्मोसिस प्रक्रिया में ही आरओ प्लांट संचालक सो लीटर भूगर्भ जल के शाधन में 60 लीटर पानी नालियों में बहा देते हैं।

  • नहीं रहा तालाबो जलधाराओं का पानी उपयोग योग्य

संसाधनों के अत्यधिक उपयोग के चलते तालाबों, कुओ और जलधाराओं का पानी उपयोग योग्य नहीं रह गया है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषित जल जल धाराओं में छोड़ दिया जाता है। यही प्रदूषित जल तालाबों, जलधाराओं को प्रदूषित कर रहा है। जनपद की सुखखेता, सई, नीलम, सहित कई अन्य जल धाराएं प्रदूषित हो चुकी हैं।

  • घरो में आरओ से बर्बाद होता भूगर्भ जल

प्रदूषित जल के शोधन के लिए लोग अपने घरों में आरओ लगवाते हैं, डब्लूएचओ के निर्देश है, टोटल डिसॉल्व सॉलिड 'टीडीएस' 300 से 600 है तो पानी पीने के योग्य होगा। वहीं टीडीएस 900 से अधिक हो तो वह पानी पीने योग्य नहीं है। इसके बावजूद लोग जानकारी के अभाव में आरओ लगवा कर भूगर्भ जल बर्बाद कर रहे हैं।

  • जोन में आए थे दो ब्लॉक, अब हालात में हुआ सुधार

एक दशक पूर्व जनपद का मल्लावां व संडीला ब्लॉक अंधाधुंध भूगर्भ जल दोहन के चलने से जोन में आ गए थे। मनरेगा व अन्य योजनाओं से तालाबों के निर्माण, चेक डैम बनवाने, भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन पर रोक लगाने। खोतों में नि: शुल्क बोरिंग पर सीमित समय की रोक के कारण स्थिति नियंत्रण में आ चुका है। अब जनपद का कोई ब्लॉक ग्रे जोन में नहीं है।

Post a Comment

Previous Post Next Post