नवनीत कुमार राम जी

नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है ,मुझ को अगर है इश्क़ हिन्दोस्ताँ से है 

तहज़ीब-ए-हिन्द का नहीं चश्मा अगर अज़ल ,ये मौज-ए-रंग-रंग फिर आई कहाँ से है 

ज़र्रे में गर तड़प है तो इस अर्ज़-ए-पाक से ,सूरज में रौशनी है तो इस आसमाँ से है 

है इस के दम से गर्मी-ए-हंगामा-ए-जहाँ  ,मग़रिब की सारी रौनक़ इसी इक दुकाँ से है 

मदरसा बोर्ड के सदस्य असद हुसैन

पिहानी। पिहानी कस्बे में यूपी सरकार के निर्देश का मदरसा संचालकों ने समर्थन किया है। कस्बे के  मदरसा हमीदुल मदारिस  में मुख्य अतिथि मदरसा वोर्ड सदस्य असद हुसैन ने दस्ते मुबारक से परचम कुशाई की। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि15 अगस्त, 1947 के दिन देश ने एक नया सवेरा देखा। उस दिन हमने विदेशी शासन से तो आजादी हासिल की ही, हमने अपनी नियति का निर्माण करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त की। हमारी स्वाधीनता के साथ, विदेशी शासकों द्वारा उपनिवेशों को छोड़ने का दौर शुरू हुआ और उपनिवेशवाद समाप्त होने लगा।  

वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है,मैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मदरसा हमीदुल मदारिस के प्रधानाचार्य  डॉक्टर ज़फर अब्बास रिज़वी साहब ने की।अम्मार ज़ैदी  व मौलाना कुमैल तुरावी ने मुजाबिर हुसैन जैदी, भाजपा नेता प्रदीप अवस्थी समेत कई लोगों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। फरहान अली, निशा, सालिह , बतूल , हयात, रेहान, अमन, शहज़ेब, गौहर अली, शायर उर्फी पिहानी ने भी अपना कलाम पेश किया आखिर में मदरसे के नाजिम जनाब अली के देशभक्ति गीतों‌ की लोगों ने सराहना की।मदरसे के स्टाफ में मोहम्मद कायम , जनाब मौलाना नासिर मेंहदी , जनाब मौलाना मोहम्मद अली जैहर, जनाब मौलाना नबी हैदर साहब,  मोहतरमा इफ्फत सकीना, मोहतरमा मुहीब फातिमा, आखरी तकरीर जनाब शब्बर हुसैन रिज़वी ने मदरसे के कार्यक्रम की व्यवस्थाएं देखी। 

सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टिकोण से कस्बा इंचार्ज रजनीश त्रिपाठी, उप निरीक्षक कन्हैया लाल ,उपनिरीक्षक राजदेव समेत पुलिस बल मौजूद रहा। मदरसे के प्रमुख जामिया ने आए हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।

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