सवायजपुर\हरदोई। सवायजपुर तहसील क्षेत्र के पाली थाना के अंतर्गत भाहपुर गांव मे व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी कर उसके भाई की सम्पति हथियाने का मामला सामने आया था। जिसमें एसडीएम सवायजपुर अरुणिमा श्रीवास्तव और 2 विद्यालयों के प्रधानाचार्य समेत कुल 8 लोगों के विरुद्ध कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि तत्कालीन तहसीलदार अरुणिमा श्रीवास्तव जो कि वर्तमान समय में एसडीएम के पद पर सवायजपुर तहसील में ही तैनात हैं। उपरोक्त फर्जी वारिसों को मृतक रमेश का वारिस मानकर उनके हक में आदेश पारित कर दिया गया।

  • क्या है पूरा मामला 

आपको बता दें कि पाली थाना क्षेत्र के भाहपुर गांव निवासी कृष्ण उर्फ केशन पुत्र स्वर्गीय जालिम ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदोई की अदालत के आदेश पर पाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें उसके सगे भाई रमेश की मृत्यु हो गई थी। इसी बीच उसके भाई मृतक रमेश की संपत्ति उसके भतीजे अर्थात भाई सुरेश उर्फ सुरेश चंद्र के पुत्र जगत राम उर्फ जगतपाल व नीलम देवी, कमलेश, महेंद्र ने षडयंत्र पूर्वक मृतक रमेश के वारिस बनकर अपने नाम दर्ज करवा ली। जिसमें उसने तहसीलदार न्यायालय सवायजपुर में आपत्ति दाखिल की पर तत्कालीन तहसीलदार अरुणिमा श्रीवास्तव जो कि वर्तमान समय में एसडीएम के पद पर सवायजपुर तहसील में ही तैनात हैं। जिनके द्वारा श्रेणी प क 11 क के तहत उपरोक्त फर्जी वरिशों को मृतक रमेश का वरिश मानकर उनके हक में आदेश पारित कर दिया गया। बीआर अंबेडकर पूर्व माध्यमिक विद्यालय अहमदपुर पाली के प्रधानाचार्य द्वारा फर्जी टीसी बनाई गई,जबकि आरोपी जगत राम उर्फ जगतपाल भाहपुर गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ा था, जिसका विवरण उसने यहां के प्रधानाध्यापक अखिलेश कुमार से मांगा तो उन्होंने भी आरोपी की मदद करते हुए जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। पूरे प्रकरण को लेकर पीड़ित ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदोई की अदालत में वाद दायर किया था। अंतर्गत धारा 156/3 के तहत वाद दायर करने के बाद न्यायालय ने सभी साक्ष्यों का अवलोकन करके तत्कालीन तहसीलदार मतलब वर्तमान एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव सहित सभी आठ आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। पाली थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

  • क्या कहा सवायजपुर एसडीएम डॉ अरुणिमा श्रीवास्तव ने - 

सवायजपुर एसडीएम डॉ अरुणिमा श्रीवास्तव ने पुरे प्रकरण का खंडन करते हुये बताया अप्रैल माह मे एक आदेश होता है। जिसमे एक लडके के होते हुये भी उसके पिता के मरने पर मृतक के तीन भाइयों ने अपने नाम करा ली लड़का कहीं मजदूरी करता था। ज़ब उसे पता चला तो उसने तहसीलदार न्यायलय मे अपने पिता की संम्पति अपने नाम कराने के लिये मुकदमा दर्ज किया। फिर दोनों पक्षो को सुनने के बाद सारे साक्षो व सबूतों के आधार पर आदेश पारित किया गया। उसमे से दो भाइयों ने संपत्ति के लालच मे सीजीएम न्यायालय मे 156/3 मे मुकदमा दर्ज करा दिया। सीजीएम ने वगैर शासन से अनुमति लिये और बिना साक्ष सबूत देखे एफआईआर दर्ज करने के आदेश पारित कर दिया। उसी आदेश के खिलाफ उत्तरप्रदेश शासन जिलाधिकारी हरदोई के माध्यम से उच्च न्यायलय गयी है।उस आदेश को निरस्त किये जाने हेतु जिसमे अगले सप्ताह की तिथि निहित है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर जो भी खबरें चल रहीं हैं वह पूरी तरीके से गलत व भ्रामक हैं किसी खबर मे मेरा पक्ष नहीं लिया गया।

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