नवनीत कुमार राम जी\पिहानी कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी ने ज्ञान योग पब्लिक स्कूल निकट सिंह वाहिनी मंदिर पर पौधारोपण महा अभियान के तहत सागौन केपौधे रोपित किए। विद्यालय की प्रधानाचार्य मधु मिश्रा, सचिन गुप्ता,गरिमा अवस्थी , पल्लवी बाजपेई, नीलम बाजपेई, कौसर, अलका, शैवी , धीरज , सतेंद्र , शाल्वी ,स्मृति ,राहुल विद्यालय परिसर में 151 पौधे रोपित किए।
इस मौके पर कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी ने कहा किपेड़ पौधे लगाने से हमारा वातावरण संतुलित होता है, तथा जलवायु परिवर्तन भी ठीक होता है। पौधारोपण करने से ना सिर्फ हमारा जीवन बल्कि जंगलों में रहने वाले जीव जंतुओं का जीवन भी अच्छा होता है। पेड़ पौधे लगाना अपने अच्छे भविष्य के निर्माण की नींव रखने के बराबर है, इसीलिए कहा जाता है वृक्ष है तो जीवन है।
उन्होंने कहा कि पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। अमूमन सभी मज़हबों में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है।
विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं। वराह पुराण में वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है- जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बड़, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जाएगा।
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