• बदलते मौसम का परिणाम आई फ़्लू : कर्ण सिंह राणा

हरदोई। बरसात के मौसम में आंखों का इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. पूरे उत्तर भारत मे इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कंजक्टिवाइटिस आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना,आंखों का गुलाबी होना या पिंक आई भी कहते हैं। आंखों के होने वाले इन्फेक्शन को आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं. इसमें इंफेक्शन होने वाले व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है. इसके साथ ही आंखों से पानी निकलता रहता है और सूजन हो जाती है. जिस कारण आंखों से साफ नहीं दिखता। दृष्टि दोष विशेषज्ञ कर्ण बताते हैं कि मानसून सीजन मे संक्रमण का खतरा किसी दूसरे सीजन से कही ज्यादा रहता है। इसकी वजह यह है कि हवा की नमी। इसमें बैक्टीरिया वायरस आसानी से रिप्लीकेट होते है। इस साल जुलाई मे बीते सालों से ज्यादा पानी बरस गया इसीलिए जुलाई में ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं जो अगस्त तक हर साल पहुँचते हैं। हालांकि इस साल वायरस तेजी से फ़ैल रहा है।

संक्रमित आंख

कर्ण बताते है कि इस वायरस से बचने के लिए हाइजीन मेंटेन रखे, ज़ब भी बाहर आये चश्मा लगाए रहे। अपनी तौलिया और कपडे किसी से शेयर ना करे। जिन लोगों को इन्फेक्शन है, उन्हें स्कूल, कॉलेज या ऑफिस से छुट्टी लेने को कहे। ठंडे पानी से दिन मे दो बार आँखे धोयें। नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बताई ड्रॉप्स हो आँखों मे डालें। मेडिकल स्टोर वालो कि बताई दवाएं न ले, क्यूंकि ज्यादातर स्टोर्स स्टेरॉइड्स वाली दवाएं दे रहे हैं जिनसे अगर दिक्कत बढ़ जाए तो गंभीर परिणाम हो सकते है।

कर्ण बताते हैं कि यह वायरल कंजक्टिवाइटिस है तो यह आपने आप ही ठीक होने वाली बीमारी है। वाश बेसिन, तौलिया या तकिया से पूरे घर को इन्फेक्शन हो जा रहा है। आई फ़्लू ठीक होने मे 3 से 5 दिन लग सकते हैं। हालांकि संक्रमण एक के बाद दूसरी आँख मे भी हो जाता है तो ठीक होने मे ज्यादा दिन भी लग सकते हैं।

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