हरदोई। सौम्या गुरूरानी मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड बावन के उच्च प्राथमिक विद्यालय भिठारी आक्समिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय डा0 राम प्रकाष, खण्ड विकास अधिकारी, बावन साथ में उपस्थित थे। विद्यालय में ग्राम पंचायत सचिव आनन्द कुमार सिंह, प्रधान एवं जिला समन्वयक, एम0आई0एस0 राहुल द्विवेदी व अध्यापकगण उपस्थित पाये गये।
विद्यालय में पंजीकृत 147 बच्चों के सापेक्ष 66 उपस्थित पाये गये जो मात्र 44 प्रतिशत ही है। पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष उपस्थित कम होना दर्शाता विद्यालय का शैक्षिक वातावरण संतोषजनक नहीं है, जिसके लिए शिक्षक स्टाफ पूर्णतया उत्तरदायी है। बच्चों के शैक्षिक स्तर को परखने हेतु मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सामान्य श्रेणी के प्रश्न पूछे गये, परन्तु किसी भी बच्चें द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा सका। अंग्रेजी विषय में तो बच्चों का ज्ञान अत्यंत ही निम्न श्रेणी का पाया गया। शिक्षा के निम्न स्तर हेतु उत्तरदायी अध्यापकगण के विरूद्ध उनका स्पष्टीकरण प्राप्त कर कार्यवाही किए जाने के साथ ही खण्ड शिक्षा अधिकारी का भी पर्यवेक्षकीय उत्तरदायित्व निर्धारित करने हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिला समन्वयक,गुणात्मक शिक्षा को निर्देशित किया गया कि बच्चों की मैपिंग कराकर एक रणनीति बनाकर उनके शैक्षिक एवं मानसिक स्तर को अपग्रेड किया जाये। इस हेतु प्रथक से कक्षा चलाये जाने की आवश्यकता हो तो उसका भी प्रबन्ध किया जाये।
विद्यालय में अवस्थित दिव्यांग शौचालय बन्द था, जिसे खुलवाकर देखने पर दिव्यांग शौचालय की स्थिति अत्यंत ही बदतर पायी गयी। शौचालय गन्दा था, पानी की कोई व्यवस्था नही थी। जबकि दिव्यांग शौचालय मिषन कायाकल्प का महत्वपूर्ण पैरामीटर है। मल्टीपल हैण्ड वॉष का ड्रेन पाईप नही लगा हुआ था तथा पानी सीधे फर्ष पर इधर-उधर फैल रहा था। मीना मंच की स्थिति अत्यन्त ही खराब पायी गयी। अन्दर गन्दगी थी, ऐसा लग रहा था कि कभी सफाई नही होती है। पाठ्य पुस्तकें रखी हुई थी, जो पानी में भीगने के कारण गल रही थीं। मीना मंच के अन्दर हॉल में कबाड़ के रूप में बेंन्चे रखी हुई थी। कुल मिलाकर मीना मंच भवन का रख-रखाव अत्यन्त निम्न स्तर का पाया गया। बालक एवं बालिका शौचालय अत्यन्त गन्दे पाये गये तथा उनमें बदबू आ रही थी। किस प्रकार से बच्चों द्वारा ऐसे गन्दे शौचालयों का प्रयोग किया जा रहा होगा। बालक-बालिका शौचालय मिषन कायाकल्प का महत्वपूर्ण पैरामीटर है, जिसकी स्थिति सही न पाया जाना सम्बन्धित शिक्षकगण की लापरवाही का द्योतक है। ब्लाक परिसर में बनी हुई एस्ट्रोनामी लैब बन्द थी तथा उसकी साफ-सफाई न होने के कारण बदबू आ रही थी। ऐसा लग रहा था कि बच्चों का कभी एस्ट्रोनामी लैब के बारे में कोई जानकारी नही दी जाती थी। मौके पर बच्चों को बुलाकर पूछने पर कोई बच्चा कोई जानकारी नही दे सका। विद्यालय परिसर में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है। निरीक्षण करने पर 70 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष 09 बच्चें उपस्थित पाये गये। मौके पर उपस्थित कार्यकत्री रजोली देवी एवं सहायिका निर्मला देवी से कम उपस्थिति का करण पूछने पर उनके द्वारा बारिस में जल-भराव बताया गया। आंगनबाड़ी केन्द्र के अन्दर बच्चों के खेलने हेतु खिलौने उपलब्ध नही थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वह स्वयं केन्द्र का भ्रमण कर ले तथा मानक के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए अनुपालन से अवगत करायें।
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