अखिलेश सिंह
शाहाबाद\हरदोई। एक सिपाही के गैरजिम्मेदाराना कृत्य से शिक्षकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।यह वाकया शाहाबाद तहसील के पीछे मलिकापुर मार्ग स्थित नालंदा शिक्षण संस्थान का है जहां एक जामा मस्जिद चौकी में तैनात उपेंद्र दीक्षित नाम के सिपाही ने स्कूल जाकर जबरन रजिस्टर दिखाने का रौब दिखाया और प्रिंसिपल से तुरन्त थाने चलने के लिये असम्मानित भाषा का प्रयोग किया।जानकारी के अनुसार एक महिला कर्मचारी द्वारा उसका वेतन न दिए जाने के आरोप पर एक सिपाही स्कूल जा पहुँचा।और स्कूल पहुँचकर प्रिंसिपल मनु शुक्ला से थाने चलने की असम्मानित भाषा का प्रयोग किया जबकि प्रिंसिपल ने बताया कि उनकी बात सुबह ही थाने से आये फोन पर हुई है और उन्होंने महिला कर्मचारी के विषय मे स्कूल का बकाया निकलने के कारण हिसाब न होने की पूरी जानकारी दे दी गई है।
प्रतीकात्मक तस्वीर |
इसके बाबजूद सिपाही ने कहा कि वेतन रजिस्टर दिखाओ।प्रिंसिपल द्वारा इसका अधिकार न होने की बात पर तुरंत थाने चलने का दबाब बनाने लगा जबकि उस समय प्रिंसिपल कैश की अलमारी खोले थे और जरूरी कार्य कर रहे थे।प्रिंसिपल द्वारा स्कूल के चैयरमैन से बात कराने की बात पर सिपाही ने किसी से भी बात न करने की गर्म लहजे में बात कही।अब सवाल ये उठता है कि जहां स्कूल में बच्चो को अच्छे संस्कारो की सीख दी जाती है और कायदे कानून सिखाये जाते हो वही एक सिपाही असम्मान से पेश आकर बिना नियम कानून के रजिस्टर दिखाने की असम्मानित भाषा में बात करे और सम्मानित प्रिंसिपल को तुरन्त सब कार्य छोड़कर थाने चलने को कहे।ऐसे कानून के रखवालो को जिनको खुद ही नियम कानून की सीख नही रहती और एक स्कूल की क्या मर्यादा होती है उसका पुलिस को ज्ञान नही रहता है।अब देखना है कि उपेंद्र दीक्षित जैसे कर्तव्यनिष्ठा की वर्दी पहने सिपाही को शिक्षा की मर्यादा का सम्मान कौन सिखाता है।इस प्रकरण की जानकारी स्कूल के प्रबंधक डॉ सोम शेखर को मिलते ही उन्होंने पुलिस के इस व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए उच्च अधिकारियों से इस प्रकरण की शिकायत करके दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाही करवाने की बात कही।
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