कछौना\हरदोई। कोतवाली क्षेत्र कछौना के अंतर्गत मंगलवार के अपरान्ह को छत पर झाड़ू लगाते समय आकाशी बिजली कक्षा 10 की छात्रा के ऊपर गिरने से मौके पर मृत्यु हो गई। इस घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। 

मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र कछौना के ग्राम गाजू निवासिनी कुं० आशिया (14) पुत्री निजामुद्दीन उम्र मंगलवार की अपराहन छत पर झाड़ू लगा रही थी, मौसम खराब होने के चलते इसी दौरान आकाशी बिजली ऊपर गिरने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतका श्री जानकी प्रसाद इंटर कॉलेज कछौना पतसेनी की कक्षा 10 की छात्रा थी। इस घटना से परिजनों के ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना की जानकारी होने पर पुलिस प्रशासन व राजस्व कर्मी राहुल सिंह व अंकुर सिंह सिंह मौके पर पहुंच कर विधिक कार्रवाई करने की बात कहीं, राजस्व कर्मियों ने रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजने की बात कही। वहीं राजस्व कर्मियों ने आकाशीय बिजली से बचाव के लिए लोगों को सुझाव दिए।

  • आकाशीय बिजली से बचने के उपाय

तेज बारिश/मौसम खराब होने के दौरान खुले में जाने से परहेज करें. वहीं जब आप घर के भीतर हों तो बरामदे और छत से दूर रहें. इसके अलावा ऐसी वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं, उनसे भी दूर रहना चाहिए. धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहना चाहिए।

 वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं। अतः बिजली चमकते समय वृक्ष के नीचे न खड़े रहें, ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय न लें समूह में खड़े होने के बजाय अलग- अलग हो जाएं। किसी मकान में आश्रय लेना बेहतर है। सफर के दौरान अपने वाहन में ही रहें। मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें, बाहर रहने पर धातु से बने वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें। तालाब और जलाशयों से दूर रहें यदि आप पानी के भीतर हैं, अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं ।

  • क्या होती है आकाशीय बिजली

गर्मी में पानी भाप बनकर ऊपर उड़ जाता है। जब पानी भाप बनकर ऊपर उठता है तो प्रत्येक 165 मीटर की ऊंचाई पर जाने पर तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आती है, जैसे जैसे पानी ऊपर उठता है वह जमने लगता है। जब बर्फ के टुकड़े आपस में टकराने लगते हैं तो इनमें घर्षण उत्पन्न हो जाता है। इस घर्षण के कारण स्ट्रेटिक करंट उत्पन्न हो जाता है। करेंट का पॉजिटिव चार्ज ऊपर चला जाता है और निगेटिव चार्ज नीचे आ जाता है। अब ये निगेटिव चार्ज पॉजिटिव को ढूंढने लगता है और जैसे ही इसे जमीन पर जहां कहीं भी पॉजिटिव चार्ज नजर आता है यह वहीं गिर जाता है। इसी को आकाशीय बिजली या वज्रपात बोलते हैं। इस बिजली का वोल्टेज 10 करोड़ वोल्ट होता है। यही वजह है कि इस बिजली से आदमी की मौत हो जाती है।

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