हरदोई। भरखनी विकास खण्ड के ग्राम लुदीयापुर के मूल निवासी, पेशे से अधिवक्ता व बार काउंसिल सवायजपुर के अध्यक्ष कवि एवं साहित्यकार उदयराज सिंह 'उदय' के काव्य संग्रह 'धूल के फूल' का विमोचन रविवार को एक मैरिज लॉन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ० विद्या बिंदु सिंह व विशिष्ट अतिथि सवायजपुर विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह 'रानू' ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
आयोजन की शुरुआत सौम्या सिंह की वाणी वंदना से हुई। स्वागत गीत अभिनय सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा उदय के काव्य संग्रह "धूल के फूल" का विमोचन किया गया। अतिथियों एवम कवियों का स्वागत कवि उदयराज सिंह 'उदय' द्वारा किया गया। काव्य कृति धूल के फूल की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए वरिष्ठ कवि वीरेश सिंह परमार ने कवि उदय राज सिंह के लेखन को सराहते हुए कहा कि काव्य संग्रह की विषय वस्तु श्लाघनीय है। पाँच पर्वो में लिखित छन्दबद्ध रचनाओ के माध्यम से विभिन्न विषयों को छुआ गया है। मुख्य अतिथि साहित्यकार पद्मश्री डॉ० विद्या बिंदु सिंह ने कहा की किसी पुस्तक के सृजन का कार्य सरल नहीं होता है। रचनाकार अपनी रचनाओ से समाज का मार्गदर्शन का कार्य करता है। विशिष्ट अतिथि सवायजपुर विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू ने कहा कि कवि एवं साहित्यकार समाज के प्रमुख स्तंभ होते है जो समाज को जागरूक करने का कार्य करते हैं। इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं कवि ओमपाल सिंह 'निडर', हिंदी भारती के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बाजपेई, राष्ट्रीय कवि संगम के प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रधान, हरदोई बार एसोसिएशन अध्यक्ष उदयवीर सिंह, उपकारी राष्ट्र चिंतन मिशन के अध्यक्ष महेश पाल सिंहसिंह, पूर्व चेयरमैन बार काउंसिल हरिशंकर सिंह व वरिष्ठ साहित्यकार विजय ठाकुर ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र पाल सिंह ने की। विमोचन कार्यक्रम मे सौ से अधिक रचनाकारों को सम्मानित किया गया जिसमें वरिष्ठ कवि महेंद्र पाल सिंह व युवा कवि को विशेष साहित्य सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम आयोजक श्याम सिंह परमार ने आये हुए अतिथियों व कवियों का आभार व्यक्त किया। संचालन राज कुमार सिंह द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कवि सतीश शुक्ल, अजीत शुक्ल, शोभित तोमर, अजीत तोमर, अभय सिंह, राजप्रकाश सिंह, जितेंद्र मिश्रा, पुनीत शुक्ल, राजेश बाबू अवस्थी आदि उपस्थित रहे।
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