• आपातकाल में घोटा गया था पत्रकारिता का गला : डॉ. अशोक वाजपेयी 
  • कांग्रेस की हुकूमत बचाने के लिए थोपा गया था देश पर आपातकाल : डॉ. अशोक वाजपेयी

हरदोई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य व लोकतंत्र सेनानी डॉ.अशोक वाजपेयी ने कहा कि कांग्रेस की हुकूमत तथा इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं रहें इसके लिए देश पर आपातकाल थोपा गया था। उन्होंने कहा कि आज जो लोग(राहुल गांधी) विदेश में जाकर देश में लोकतंत्र को कमजोर करने की बात करते हैं, उनके पुरखों ने ही देश के लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया। 

उन्होंनें कहा कि याद करें 25 जून की रात जब देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर आपातकाल की घोषणा की गयी। 25-26 जून 1975 की रात को यादकर मन सिहर जाता है। 25 जून की रात में देशभर में विपक्ष के तमाम दलों के वरिष्ठ नेताओं को रातोंरात जेल में डालने का काम किया गया। उसमें मोरारजी देसाई,चौधरी चरण सिंह,अटल बिहारी बाजपेई व लालकृष्ण आडवाणी आदि सारे लोगों को जेल में डालने का काम किया गया। 

डॉ.अशोक वाजपेयी ने बताया कि आपातकाल में पत्रकारिता का गला घोंटने का काम किया गया। सारे अखबारों पर बंदिश लगा दी गयी थी। खबरों के ऊपर निगरानी रखी जाती थी। धीरे-धीरे जनता का आक्रोश बढ़ता गया और कांग्रेस का दमनचक्र बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि पूरे देश में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुई। सरकार के इशोर पर पुलिस ने बर्बर अत्याचार किया। तरह-तरह की यातनाएं दी गयी। जेलों में प्रताड़नाएं दी गयीं। उस समय लगता नहीं था कि कभी आपातकाल खत्म होगा। 

डॉ. अशोक वाजपेयी ने बताया कि आपातकाल लगने के करीब 10 दिन बाद मुझे गिरफ्तार कर लखनऊ कारागार लाया गया। लगभग 18 महीने हम जेल में रहे। लखनऊ जेल में ही जनसंघ के नेता स्व.लालजी टण्डन, श्रीराम प्रकाश गुप्त,गंगाबख्श जी जैसे कई नेता हमारे साथ थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राणा प्रताप सिंह, यादवराव देशमुख और समाजवादी पार्टी सत्य प्रकाश बाल्मीकि,रामशरण दास, बृज भूषण तिवारी, राघवेन्द्र सिंह भी बंद थे। 

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