हरदोई। उत्तर प्रदेश सरकार जहां भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने मे लगी है और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गृह जनपद होने के बावजूद भी हरदोई में स्वास्थ्य महकमे में फैला भ्रष्टाचार चरम पर है, किसी का खौफ नहीं है। एक गर्भवती महिला को भर्ती करने के एवज में उसके पति से रिश्वत की मांग की गई। रिश्वत न देने पर उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया गया। जिसके बाद अगले दिन रुपयों का बंदोबस्त कर युवक गर्भवती पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां मान मनौव्वल के बाद उसकी पत्नी को भर्ती किया गया।
जी हाँ आपको बतादें कि मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम का है। जहां थाना बिलग्राम के दुर्गागंज गांव के मजरा सरौना के रहने वाले रीशेन्द्र कुमार की पत्नी गर्भवती थी। रीशेन्द्र कुमार के मुताबिक वह पत्नी मनीषा को प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलग्राम लेकर गया था, जहां ड्यूटी पर मौजूद 3 नर्सों ने उसकी पत्नी को भर्ती करने के लिए 2500 रिश्वत की मांग की। रुपए ना होने की बात कही तो उसे वहां से भगा दिया गया। इसके बाद वह अपने गांव लौट आया। अगले दिन लोगों से 1500 रुपए मांग कर वह अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां काफी मान मनौव्वल के बाद उसकी पत्नी को 1500 रुपये लेने के बाद भर्ती कर लिया गया।
आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ गाली गलौज भी की गई। प्रसव के बाद उसकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। रीशेंद्र कुमार के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात नर्सों और आशा बहू ने उससे रिश्वत की मांग की। सही समय पर अगर उसकी पत्नी को भर्ती कर लिया जाता तो उसके बेटे की जान बच सकती थी। ऐसे में इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। रीशेन्द्र कुमार ने रिश्वतखोरी की बातचीत के दौरान का वीडियो बनाकर डीएम, एसपी और सीएमओ से शिकायत की है।
सीएमओ डॉ राजेश तिवारी ने बताया कि रिश्वतखोरी की बात सामने आई है। प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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