बिलग्राम/हरदोई। बैंक मैनेजर ने पिपरमेंट प्लांट के लिए फर्ज़ी अभिलेख तैयार कर एक लाख 80 हज़ार रुपये की धोखाधड़ी कर ली। इसका पता तब हुआ जब उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक से नोटिस जारी हुई। मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस-थाने के चक्कर लगाए गए, लेकिन उधर से कोई सुनवाई नहीं हुई,उसके बाद कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई। कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन बैंक मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। अरवल थाने के कबीराखेड़ा छोछपुर के श्यामा कुमार मिश्र पुत्र जगदीश प्रसाद मिश्र ने कोर्ट में दाखिल की अर्ज़ी में कहा था कि उसने पिपरमेंट प्लांट के लिए भूमि विकास बैंक शाखा बिलग्राम में लोन के लिए आवेदन किया था। तत्कालीन मैनेजर अभिजीत ने मना कर दिया। उसके बाद दोबारा बुलाया और कहा कि वह उसका लोन करवा देंगे, जिसके लिए उसे 20 प्रतिशत देना होगा। दोनों में बातचीत हो गई। 

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श्यामा कुमार मिश्र ने तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिजीत के कहने पर केनरा बैंक में अपना खाता भी खुलवा दिया। जिसमें 18 जून 2018 को 30 हज़ार,14 जून 2019 को 70 हज़ार और 26 जून 2019 को 42 हज़ार का भुगतान भी हो गया। श्यामा कुमार मिश्र के मुताबिक तत्कालीन बैंक मैनेजर ने उसे बरगलाते हुए सारा पैसा ले लिया और कहा कि वह उसका प्लांट लगवा देगा। काफी दिनों बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो बैंक मैनेजर ने पूछने पर बताया कि लोन कैंसिल हो गया था,सारा पैसा उसने बैंक में जमा कर दिया। लेकिन जब उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक से उसे 2 लाख 72 हज़ार रुपये की नोटिस मिली तो उसे उसके साथ की गई धोखाधड़ी का पता चला।  

उसने पुलिस-थाने के कई बार चक्कर लगाए, लेकिन किसी ने कुछ सुनवाई नहीं की। उसके बाद उसने कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की। कोर्ट के आदेश के बाद बिलग्राम पुलिस ने तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिजीत के खिलाफ धारा 420/406 के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

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