• शहर कोतवाल की सेवा पुस्तिका में अंकन करने का दिया आदेश 

हरदोई। अदालत के आदेशों की अनदेखी शहर कोतवाल को महंगी पड़ी। सीजेएम ने शहर कोतवाल की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाकर कहा कि उन्हें न तो कानूनी जानकारी है और ऐसे व्यक्ति को प्रभारी रहने का कोई अधिकार नहीं है। पुलिस अधीक्षक और डीआईजी को शहर कोतवाल की सेवा पुस्तिका में उनके विरुद्ध अंकन करने का आदेश दिया है। 

हुआ यह कि एक मामले में अदालत में दी गई अर्जी पर सीजेएम संजय कुमार गोंड ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन इस मामले में पुलिस ने एनसीआर दर्ज की विवेचक ने एनसीआर पर कार्रवाई के लिए मांग की। जिस पर सीजेएम ने शहर कोतवाल की तलब किया था और पुलिस अधीक्षक को भी लिखा लेकिन इसके बावजूद भी शहर कोतवाल अदालत में हाजिर नहीं हुए और न ही कोई कार्यवाही हुई। 

पूरे मामले को संज्ञान में लेते सीजेएम ने कहा कि अदालत के आदेशों के बावजूद भी किन हालात में आरोपियों को फायदा पहुंचाने की गरज से एफआईआर दर्ज नहीं की गई। केवल एनसीआर दर्ज की गई। उन्होंने कठोर शब्दों में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शहर कोतवाल को विधि का ज्ञान नहीं है और ऐसे व्यक्ति को थाना प्रभारी के पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। आदेश की एक प्रति पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ व पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद को भेजे जाने का आदेश दिया गया है।

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