हरदोई। नगर निकाय चुनाव आचार संहिता लगते ही जनपद हरदोई की कोतवाली मल्लावां में सत्ताधारी नेताओं ने अपनी चाल चलकर प्रशासनिक अमले की पुख्ता गोट बिछाना शुरू कर दी। जिससे हमारे चहेते सरकारी अमला के कर्मचारी आचार संहिता के तहत मेरी चारदीवारी की रखवाली एवं देखभाल करते रहे। जिससे सत्ता में हमारी पहचान बरकरार बनी रहे। जिसका उदाहरण मल्लावां कोतवाली के अंदर देखने को मिला आचार संहिता के ठीक पहले कोतवाली परिसर मल्लावां में 8 सुरक्षाकर्मियों का तबादला किया गया तो सत्ताधारी नेताओं द्वारा अपने निकटतम सुरक्षाकर्मियों को उनकी निजी सुरक्षा में तैनात रहे थे। कोतवाली मल्लावां की कमान संभालने का भरसक प्रयास कर सफलता प्राप्त कर ली। जनता में तो यहां तक चर्चा है कि आचार संहिता नगर पालिका चुनाव के मद्देनजर किस सत्ताधारी नेता की थाना कचहरी से लेकर बात मानी जाएगी। इसी को लेकर के सत्ताधारी नेताओं ने चारों तरफ से अपनी गोटे मजबूत कर जाल बिछा दिया है। 

अब देखना यह है कि भाजपा सरकार में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास कहने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार गरीब असहाय अति पिछड़े निर्धनों की किस तरह से थाना से लेकर के जिला कचहरी तक मदद करती है। यह तो देखने को तब मिलेगा जब उनकी मदद होगी। क्या सरकार भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं व प्रशासनिक दबाव बनाकर नगर पालिका अध्यक्ष पद अपने पक्ष में करना चाहती है। क्या सत्ताधारी प्रशासन का दुरुपयोग कर अपने विधायकों के बलबूते पर मिनी सचिवालय पर कब्जा करना चाहती है। क्या लोकतंत्र में इसे लोकतंत्र कहा जाएगा या तानाशाही जिस तरह से प्रशासनिक उलटफेर के चलते मल्लावा थाने में ट्रांसफर होकर आये दरोगा सहित 8 सिपाही नगर के चुनाव की कमान संभालेंगे क्या अन्य लड़ रहे प्रत्याशियों को पारदर्शिता मिल पाएगी यह एक बड़ा सवाल जनता के बीच में उठ रहा है।

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