• एनएसयू में भर्ती कराने के लिए ढ़ाई हज़ार रुपये

हरदोई। मेडिकल कालेज के एनएसयू यूनिट में भर्ती कराए गए नवजात की मौत होने से वहां खूब हंगामा हुआ। नवजात की मौत के लिए डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। वैसे इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है, पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

बताया गया है कि सुरसा थाने के सुरसा गांव निवासी परशुराम ने शुक्रवार को अपनी पत्नी मीनू को प्रसव पीड़ा के दौरान सीएचसी पर भर्ती कराया था। जहां के डाक्टरों ने उसे मेडिकल कालेज के लिए रिफर कर दिया। शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे परशुराम मीनू को ले कर मेडिकल कालेज के महिला अस्पताल पहुंचा, वहां ऑपरेशन के लिए कोई डाक्टर न होने की बात कह कर मरीज़ को भर्ती करने से मना कर दिया गया। परशुराम का कहना है कि वहीं एक आशा बहू उसे मिली और जिंदपीर चौराहे के पास एक निजी हास्पिटल में ले गई, जहां मीनू का अॉपरेशन किया गया। उसके पहले बच्चे ने जन्म लिया। उसके बाद उस नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कालेज के महिला अस्पताल की एनएसयू यूनिट में भर्ती कराया गया। परशुराम का कहना है कि इसके लिए पहले उससे डेढ़ हज़ार और शनिवार की सुबह फिर एक हज़ार रुपये लिए गए। इसके बाद भी उस नवजात की तबियत बिगड़ती गई,जिस पर उसे लखनऊ के लिए रिफर कर दिया गया। उसे वहां से लखनऊ के लिए ले जाया जाता, उससे पहले ही नवजात की वहीं मौत हो गई। नवजात की मौत पर वहां खूब हंगामा किया गया। इसके लिए डाक्टरों की लापरवाही बताई जा रही है।

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