नवनीत कुमार राम जी
  • कोतवाली पिहानी के निकटवर्ती पारा गांव में राजनीतिक लड़ाई में डबल मर्डर, आईये सुनते है एकमात्र गवाह घायल संतोष कुशवाहा निर्मम हत्या कांड की आंखों देखी

हरदोई। पारा गांव में प्रधानी व वर्चस्व की लडाई  में अमित शुक्ला व रमाकांत कुशवाहा मौत के मुंह में समा गए। कारण मात्र यह  की मृतक रमाकांत के चाचा नंदलाल कुशवाहा पारा  गांव के वर्तमान  बैकवर्ड सीट से प्रधान है। वैसे तो सामान्य सीट पर डबल मर्डर आरोपित बड़े सिंह व मृतक अमित शुक्ला के पिता व पूर्व प्रधान अनिल शुक्ला दावेदार रहते हैं। लेकिन गांव की सीट आरक्षित होने के कारण बड़े सिंह ने नंदलाल कुशवाहा को पारा गांव का प्रधान का चुनाव लड़वाया था। कुछ दिन पूर्व पारा का प्रधान नंदलाल कुशवाहा बड़े सिंह का साथ छोड़कर पूर्व प्रधान अनिल शुक्ला के खेमे में आ गया था। 

दोहरे हत्याकांड में घायल संतोष कुशवाहा से पूछताछ करते लखनऊ रेंज आईजी तरुण गावा व पुलिस अधीक्षक हरदोई राजेश द्विवेदी

मात्र इसी बात की खुन्नस व‌ अपनी बेज्जती समझ कर  बड़े सिंह व उसके परिवार के लोगों ने अमित शुक्ला व रमाकांत कुशवाहा के बेरहमी से हत्या कर दी। डबल बॉर्डर होने के कारण क्षेत्र थर्राया हुआ है। राजनीतिक लोगों का कहना है। किया घटना बहुत ही निंदनीय है। मृतक अमित शुक्ला व  रमाकांत के साथ बाइक पर बैठा घायल संतोष कुशवाहा मात्र पूरी घटना का गवाह है आईये उसकी  जुबानी सुनते हैं। 


दोहरे हत्या कांड से जिला हरदोई के थाना मझिला के पारा गांव में पसरा है मातम, राजनीतिक खूनी संघर्ष में दो सुहागिनों की मांग का सिंदूर उजड़ा। 

आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा ने घायल चश्मदीद गवाह संतोष कुशवाहा से अस्पताल पहुंचकर ली घटना की जानकारी, अस्पताल पहुंचे आईजी तरुण बाबा व पुलिस अधीक्षक राजेश त्रिवेदी से मृतक के परिजनों ने कहा कि डबल मर्डर के  आरोपितों के खिलाफ मकानों पर बुलडोजर चलाया जाए शीघ्र गिरफ्तार किए जाए तभी वह लोग  शवों का  करेंगे अंतिम संस्कार। 

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