हरदोई। क्षय रोग (टीबी) को समाप्त करने और लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि इस साल विश्व क्षय रोग दिवस' हाँ! हम टीबी खत्म कर सकते हैं' की थीम पर मनाया जाएगा। थीम तभी सार्थक हो सकती है जब समाज के हर वर्ग का सहयोग मिले। अधिक से अधिक लोग निक्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लें और उन्हें क्षय रोग से स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।

उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. कश्यप ने बताया कि साल 2022-23 में सरकारी और निजी अस्पतालों के कुल 11,100 क्षय रोगियों को नोटिफ़ाइड करने का लक्ष्य था।जिसके सापेक्ष एक अप्रैल 2022 से 28 फरवरी 2023 तक कुल 9795 क्षय रोगियों को नोटिफ़ाइड किया गया। मतलब 88 फीसद से अधिक मरीज़ों का नोटिफिकेशन हुआ है। ज़िले में क्षय रोगियों के ठीक होने की दर 85 फीसद है। इसके अलावा 95 फीसद क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच की गयी है। इसके साथ ही 100 फीसद लक्ष्य के सापेक्ष 78 फीसद क्षय रोगियों का यूनिवर्सल ड्रग ससेप्टीबिलिटी टेस्ट (यूडीएसटी) किया गया है। डा. प्रदीप कश्यप ने बताया कि  विश्व क्षय रोग दिवस पर 24 मार्च को टीबी इकाइयों पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में गोष्ठी व रैलियों का आयोजन किया जाएगा।  25 मार्च को टीबी इकाइयों, डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर और गांवों में सामुदायिक स्तर पर  जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में मैजिक शो, नुक्कड़ नाटक व अन्य जागरूकता  कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उप जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि व्यापक प्रचार प्रसार के द्वारा जनसामान्य को टीबी के लक्षणों की पहचान, स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध जांच और इलाज की सुविधाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा | जनजागरूकता के द्वारा ही जनपद, राज्य और ज़िले को टीबी मुक्त किया जा सकता है। 

  • क्या होते हैं टीबी के लक्षण?

हरदोई। डीपीसी महेंद्र यादव और डीआईओ महेश श्रीवास्तव ने बताया अगर किसी को दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आए, शाम के समय बुखार आए, सीने में दर्द हो, थकान लगे, बलगम में खून आये, रात में पसीना आता हो या लगातार वजन घट रहा हो या लंबे समय तक शरीर के किसी भी अंग में दर्द रहे तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच कराएं।

  • ज़िले में चल रहीं हैं टीबी की 23 यूनिट 

हरदोई। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसके तहत ज़िले में टीबी की 23 यूनिट चल रही है। टीबी यूनिट में सारी जांचों की सुविधा के अलावा मरीज़ों को दी जाने वाली दवाइयों की पूरा बंदोबस्त किया गया है। साथ ही अगर किसी टीबी के मरीज़ को उसके स्वास्थ्य के बारे में कोई दिक्कत होती है,तो उसका भी समाधान किया जाता है।

  • पोषण योजना में दिए जाते हैं 500 रुपये

हरदोई। सरकार ने टीबी के मरीज़ों के लिए निक्षय पोषण योजना शुरू की है। जिसमें स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध है | इसके साथ ही इस निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीज़ों को इलाज के दौरान उनके पोषण के लिए हर माह 500 रुपये सीधे मरीज़ या उनके मां-बाप के बैंक खाते में भेजे जाते हैं |

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