हरदोई। शब-ए-बारात यानी गुनाहगारों को जहन्नुम से आज़ाद होने का बेहतरीन मौका और होलिका दहन यानी बुराई पर अच्छाई की जीत। शायद ऐसा पहली बार हुआ जब इबादत गुज़ार लोगों के गुज़रने के बीच रस्मों और रिवायतों के साथ होलिका दहन कर बुराई पर अच्छाई को जीता गया। इन दोनों मज़हबो को मानने वालों ने साबित कर दिखाया कि 'खून भी सुर्ख कुछ अलग नहीं, बांटो तो सही हम बंटेंगे नही'
शब-ए-बारात और होलिका दहन के एक साथ होने से पुलिस महकमां बड़ी टेंशन में था। सब कुछ ठीक-ठाक रहे, इसके लिए एसपी राजेश द्विवेदी ने बिल्कुल अलग तरीके से तैयारी भी कर रखी थी। मंगलवार को शब (रात) जाग कर इबादत की गई। इस मज़हब को मानने वालों ने घरों से बाहर निकल कर मस्जिदों और कब्रिस्तान पहुंच कर वहां इबादत की। बीच-बीच में सड़कों पर भी टहले-घूमें। शब-ए-बारात का मतलब है कि अल्लाह की तरफ से गुनाहगारों को जहन्नुम से आज़ाद होने का बेहतरीन मौका। इस रात को कसरत से इबादत करते हुए बारगाह-ए-खुदा में हाथ उठा कर हर एक की भलाई की दुआ की गई। वहीं बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए शहर के चौराहों पर लगाई गई होलिका का दहन किया गया। इस दौरान हर कोई बड़े इत्मीनान के साथ अपने-अपने रस्म-ओ-रिवाज़ मनाता हुआ देखा गया। हालांकि इस दौरान पुलिस की क्यूआरटी टीमें पूरी तरह से अलर्ट रहीं। इसके अलावा जंक्शन प्वाइंट और कम्युनल हॉट स्पॉट पर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ ड्रोन कैमरों को लगाया गया था। इसके अलावा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्स-अप, ट्यूटर व इंस्टाग्राम पर निगाह रखने के लिए पोस्टल टीम जूझती रही।
- सारी रात एक्शन मोड में रहे एसपी
शब-ए-बारात और होलिका दहन के एक साथ होने से लॉ एंड आर्डर को बरकरार रखने के लिए एसपी राजेश द्विवेदी ने मुकम्मल तैयारियां कर रखी थी। उनके सभी मातहत तो अलर्ट थे ही, साथ ही एसपी श्री द्विवेदी भी पल-पल की निगरानी करते रहे। उन्होंने साफ कह दिया था कि लॉ एंड आर्डर के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उसी का नतीजा हुआ कि सारा कुछ बहुत अच्छी तरह से निपट गया।
- भाजपा नेता ने कराया सहरी का बंदोबस्त
भाजपा नेता आरिफ खान शानू ने शब-ए-बारात और होलिका दहन को गंगा-जमुनी तहज़ीब के तहत मनाया। जहां उन्होंने इबादत गुज़ार लोगों के गुज़रने वाले रास्ते पर सबील लगाई। साथ ही रोज़ा रखने वालों के लिए सुबह की सहरी का बंदोबस्त कराया। इस दौरान भाजपा नेता के साथ साबिर खान,सादिक खान,आफाक हुसैन के अलावा सभी मज़हब-ओ-मिल्लत के लोग शामिल हुए।
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